लगातार हो रही बारिश के बीच छत्तीसगढ़ के किसान धान की रोपाई, यानी थरहा लगाने में व्यस्त हो गए हैं। मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक के झझपुरी गांव में महिलाएं खेतों में धान लगाते हुए पारंपरिक ‘ददरिया’ गीत गा रही हैं। यह दृश्य न केवल गांव की संस्कृति को दिखाता है, बल्कि खेती से जुड़े उनके भावनात्मक जुड़ाव को भी उजागर करता है।
एक ओर राज्य के कई क्षेत्रों में खेती में आधुनिक तकनीक का उपयोग हो रहा है, वहीं झझपुरी गांव में अब भी पारंपरिक खेती जारी है। यहां किसान बैल और हल से खेत जोत रहे हैं, और महिलाएं गीली मिट्टी में थरहा लगाते हुए लोकगीत गाकर वातावरण को जीवंत बना रही हैं गीत के बोल जैसे – “पवन के मंदिर, खाल्हे में धान के खेत” – भावनाओं को जीवंत करते हैं और उनके जीवन के संघर्षों को दर्शाते हैं।