CAG रिपोर्ट में हुआ बड़ा पर्दाफाश, अधूरी योजनाओं और विभागीय गड़बड़ियों से सरकार को भारी नुकसान

CAG रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों पर सवाल

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CAG report unfinished projects को लेकर विधानसभा में पेश हुई रिपोर्ट में योजनागत विफलताओं और वित्तीय अनियमितताओं की गंभीर तस्वीर सामने आई है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में CAG की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें स्काई वॉक परियोजना से लेकर बिजली विभाग तक की लापरवाहियों का खुलासा किया गया।

रायपुर में बिना अनुमोदन के शुरू की गई स्काई वॉक परियोजना को रिपोर्ट में फिजूलखर्ची बताया गया। निर्माण कार्य बिना जरूरी तकनीकी मंजूरी और टेंडर प्रक्रिया पूरी किए आरंभ किया गया।

बार-बार डिजाइन बदलाव से खर्च बढ़ा और योजना अधूरी रह गई, जिससे CAG report unfinished projects का सबसे बड़ा उदाहरण बना।

बिजली वितरण में भारी हानि

रिपोर्ट में बिजली वितरण प्रणाली की कमजोरियों पर भी सवाल उठे हैं। 2017 से 2022 तक ऊर्जा वितरण के दौरान 9283 करोड़ यूनिट बर्बाद हुए।

इस नुकसान के कारण राज्य विद्युत वितरण कंपनी को 2157 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ।

खराब मीटर बदलने में देरी से 1353 करोड़ यूनिट ऊर्जा की बर्बादी हुई और कम बिलिंग के कारण उपभोक्ताओं को अनुचित लाभ भी पहुंचा।

सब्सिडी की प्रतिपूर्ति नहीं होने से कंपनी को 2163 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय दबाव सहना पड़ा।

कौशल विकास योजनाएं भी नाकाम रहीं

CAG report unfinished projects में राज्य की कौशल विकास योजनाओं की कमजोरियों को भी चिन्हित किया गया।

2014 से 2023 तक का लक्ष्य 7.27 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करना था, लेकिन केवल 4.7 लाख को प्रमाणित किया गया।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत भी निर्धारित लक्ष्य का आधा ही युवा परीक्षा पास कर पाया।

इनमें से 39% को रोजगार नहीं मिल पाया, और प्रमाणपत्रों को मान्यता न मिलने से योजनाओं का उद्देश्य अधूरा रह गया।

बजट का उचित उपयोग नहीं हो पाया

2019 से 2022 के दौरान रखरखाव और सामग्री के लिए आवंटित 13.58 करोड़ की राशि खर्च ही नहीं की गई।

जिला प्रशासन ने हर वर्ष यह राशि शासन को लौटा दी, जिससे कई योजनाओं पर असर पड़ा।

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