बीजेपी नेत्री और पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल को बड़ा राजनीतिक और संस्थागत झटका लगा है। उनके स्वामित्व वाले NCR मेडिकल कॉलेज की मान्यता नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने शून्य घोषित कर दी है।
इस वर्ष शैक्षणिक सत्र में कॉलेज में अब MBBS पाठ्यक्रम के लिए कोई भी प्रवेश नहीं लिया जाएगा, क्योंकि कॉलेज की सभी सीटें रद्द कर दी गई हैं।
फर्जीवाड़ा और रिश्वत के गंभीर आरोप:
जांच में खुलासा हुआ कि कॉलेज प्रशासन ने बायोमेट्रिक सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की, फर्जी फैकल्टी और काल्पनिक मरीजों को दस्तावेज़ों में दर्शाया। साथ ही, निरीक्षण पैनल को रिश्वत देकर फर्जी रिपोर्ट भी तैयार करवाई गई।
CBI की कार्रवाई और दर्ज केस:
CBI ने डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की बेटी शिवानी अग्रवाल के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया है, जो इस मामले में सह-आरोपी बताई गई हैं।
राजनीतिक बदलाव और पहचान में फेरबदल:
डॉ. सरोजिनी अग्रवाल कभी समाजवादी पार्टी की करीबी मानी जाती थीं। कॉलेज का नाम भी पहले मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज था। भाजपा में आने के बाद इस नाम को बदल दिया गया था, लेकिन अब सियासी दबाव से मिली मान्यता समाप्त हो चुकी है।
प्रभाव और सियासी झटका:
यह कार्रवाई न केवल शिक्षा संस्थान के लिए बल्कि स्वयं डॉ. अग्रवाल के राजनीतिक भविष्य के लिए भी एक बड़ा झटका मानी जा रही है।