बीजापुर जिले के ब्लेसिंग इंग्लिश मीडियम स्कूल में एक गरीब छात्र बबलू कावरे के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि स्कूल प्रबंधन ने उससे ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) और अंकसूची देने के एवज में ₹40,000 की भारी राशि की मांग की है।
बबलू की मां तारा कावरे ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए गुहार लगाई कि उनके बेटे का डीएवी स्कूल, भोपालपटनम में चयन हुआ है। लेकिन बिना टीसी और अंकसूची के वह प्रवेश नहीं ले पाएगा, जिससे उसका भविष्य अधर में रह जाएगा। उन्होंने बताया कि बबलू पहली से पांचवी तक उसी स्कूल में नि:शुल्क पढ़ता रहा, क्योंकि उसका बीपीएल कार्ड है। अब अचानक फीस की मांग की जा रही है, जो अन्यायपूर्ण है।
संचालक का दावा: RTE के तहत नहीं हुआ एडमिशन
ब्लेसिंग स्कूल के संचालक जॉन मोरला ने कहा कि बबलू और उसकी बहन भाग्या ने स्कूल में फीस देकर पढ़ाई की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बबलू का एडमिशन RTE के तहत नहीं हुआ था। इसलिए टीसी और अंकसूची देने से पहले ₹40,000 फीस देना जरूरी है।
अवैध हॉस्टल संचालन की बात भी आई सामने
जॉन मोरला न सिर्फ स्कूल चला रहे हैं, बल्कि अपने घर पर बिना अनुमति के हॉस्टल भी संचालित कर रहे हैं। उन्होंने खुद बताया कि हॉस्टल में फिलहाल 10 बच्चे हैं और स्कूल में 150 छात्र पढ़ रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी राजकुमार कठौते ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है और आगे जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
आम आदमी पार्टी ने जताई चिंता
गरीब छात्र की मदद के लिए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सतीश मंडावी सामने आए। उन्होंने तारा और बबलू के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और स्कूल संचालक पर गरीबों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीपीएल कार्डधारी महिला से ₹40,000 फीस वसूलना पूरी तरह से मनमानी है।
कलेक्टर ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
कलेक्टर ने तारा कावरे की शिकायत को गंभीरता से लिया है और कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।