प्रदेश में सक्रिय मानसून के कारण बीते कुछ दिनों से भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। इसका असर बिलासपुर, बालोद, सरगुजा, कवर्धा और बलौदाबाजार जिलों में गंभीर रूप से देखा गया है। नदी-नालों के उफान और सड़कों पर भरे पानी ने आम जीवन को प्रभावित कर दिया है।
बिलासपुर में हादसा, बुजुर्ग की मौत:
बिलासपुर के स्वर्णजयंती नगर में एक रिटायर्ड प्रोफेसर की करंट लगने से मौत हो गई। घर में घुसे पानी के कारण इन्वर्टर का प्लग हटाते समय यह दुखद घटना हुई।
सीपत और यदुनंदन नगर में कॉलोनियां पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। हरेली पर्व के दिन एक कार नाले में बह गई, जिसमें एक तीन साल का बच्चा लापता हो गया।
बालोद में SDRF ने शुरू की खोज:
गुंडरदेही थाना क्षेत्र में तांदुला नदी में एक युवक बह गया। यह युवक, दुर्गेश सोनकर, पुलिस की कार्रवाई से बचने नदी में कूदा था। SDRF और गोताखोर उसकी तलाश में जुटे हैं।
सरगुजा में डैम के सभी गेट खुले:
घुनघुट्टा डैम में जलस्तर अधिक हो जाने के कारण सभी आठ गेट खोले गए। यह पहली बार हुआ है जब 13 वर्षों में डैम के सारे गेट एक साथ खोले गए। मछली नदी में बाढ़ आने से मैनपाट क्षेत्र का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है।
कवर्धा में पर्यटक जोखिम उठा रहे:
भोरमदेव क्षेत्र में लोग उफनती नदी को पार कर रहे हैं, जिससे खतरा बढ़ गया है। छपरी गांव में पुल के ऊपर पानी बह रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई रोकथाम नहीं की गई।
बलौदाबाजार में दफ्तरों में पानी:
बलौदाबाजार में तेज बारिश से तहसील व जनपद कार्यालय जलमग्न हो गए हैं। निकासी की व्यवस्था नाकाम रही, जिससे कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने निकासी योजनाओं को सिर्फ ‘कागजों की योजना’ बताया।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट:
राज्य में औसतन 35 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। अगले दो दिनों तक उत्तर और दक्षिण छत्तीसगढ़ में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। दुर्ग जिले में 32.5 डिग्री अधिकतम और 20.8 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ।