कश्मीर के वीरों को राखी का उपहार: छत्तीसगढ़ की बेटियों की भावनात्मक पहल.

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रक्षाबंधन के पर्व पर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले की बेटियों ने देशभक्ति की मिसाल पेश की है। शासकीय प्राथमिक शाला सहीस पारा, राजिम की छात्राओं ने अपने हाथों से सजी राखियां बनाकर जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ जवानों को भेजीं हैं। यह पहल उन सैनिकों के प्रति सच्ची श्रद्धा और सम्मान प्रकट करती है, जो हर मौसम और हर परिस्थिति में देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।

छात्राओं ने महसूस किया कि जब आम लोग त्योहार अपने परिवार के साथ मनाते हैं, तब सैनिक अपनी ड्यूटी पर रहते हुए अपनों से दूर होते हैं। इस भावना से प्रेरित होकर उन्होंने शिक्षकों के सहयोग से खुद राखियां बनाईं और उसमें अपने भावनात्मक संदेश भी जोड़े।

इन राखियों को बनाने में रंगीन धागों, मोतियों और सजावटी सामग्रियों का उपयोग किया गया, जिससे हर राखी एक प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक बन सकी। छात्राओं ने यह कामना की कि हमारे सैनिक स्वस्थ, सुरक्षित और दीर्घायु रहें, और उनका साहस देश की अखंडता को सदैव मजबूत बनाए।

कार्यक्रम में प्रधान पाठक रेवती देशमुख और सहायक शिक्षक नेमीचंद साहू ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने न केवल मार्गदर्शन दिया, बल्कि देशभक्ति और सेवा भावना की शिक्षा भी दी। इस पहल ने बच्चों को यह भी सिखाया कि छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।

राखियां डाक के माध्यम से सैनिकों तक पहुंचाई जा रही हैं। यह एक भावनात्मक संदेश है कि देश के नागरिक अपने रक्षकों को याद रखते हैं, चाहे वे कितनी भी दूर क्यों न हों। यह प्रेरक प्रयास अन्य स्कूलों और समुदायों के लिए एक उदाहरण बन सकता है कि भावनाएं सीमाओं से परे होती हैं और देश के प्रति प्रेम हर उम्र में जागरूकता से उपजता है।

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