कवर्धा जिला शिक्षा विभाग ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए सभी शासकीय शिक्षकों पर कोचिंग और ट्यूशन कक्षाएं संचालित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं, जो जिले के समस्त स्कूलों में तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। यह आदेश सभी प्रधानाचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक, शिक्षक और सहायक शिक्षक पर समान रूप से लागू रहेगा।
कोचिंग चलाने पर कार्रवाई की चेतावनी
शिक्षा विभाग को यह जानकारी मिली थी कि कुछ शासकीय शिक्षक, स्कूल के निर्धारित कार्यकाल के बाद निजी कोचिंग संस्थान या ट्यूशन क्लासेस चला रहे हैं। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता और सरकारी स्कूलों की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। DEO ने इस पर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि कोई शिक्षक इस गतिविधि में संलिप्त पाया गया तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक सजा दी जाएगी।
शिक्षकों पर बढ़ी निगरानी: शिक्षा की पवित्रता बनाए रखना प्राथमिकता
जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र के स्कूलों में यह सुनिश्चित करें कि शासकीय शिक्षक ट्यूशन प्रतिबंध का पूरी तरह से पालन हो। शिक्षा की शुद्धता बनाए रखने के लिए यह निर्णय अत्यंत आवश्यक माना गया है, ताकि कोई भी छात्र या अभिभावक शिक्षा के लिए अनावश्यक आर्थिक बोझ न उठाए।
सरकारी शिक्षकों को नहीं मिलेगी कोचिंग की छूट
DEO ने कहा कि पहले भी कई शिक्षकों को मौखिक रूप से समझाइश दी गई थी, लेकिन अब कोचिंग चलाने पर कार्रवाई तय है। कोई भी शिकायत मिलने पर संबंधित शिक्षक को कठोर दंड झेलना होगा। यह प्रतिबंध शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और सरकारी शिक्षक नियम का पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
सरकारी स्कूल शिक्षक नियमों के तहत स्पष्ट निर्देश
छात्रों के शैक्षणिक अधिकारों की रक्षा करना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हर शिक्षक का कर्तव्य है। लेकिन जब शिक्षक निजी संस्थानों से जुड़ते हैं या ट्यूशन के नाम पर फीस वसूलते हैं, तो यह सीधे तौर पर बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) का उल्लंघन है। यह बात DEO ने अपने निर्देश में स्पष्ट रूप से कही है।
DEO की अपील: शिक्षकों की भूमिका स्कूल तक सीमित रहे
शिक्षकों की भूमिका समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण है। ऐसे में उनका ध्यान सिर्फ अपने स्कूल और छात्रों पर केंद्रित रहना चाहिए। DEO ने स्पष्ट कहा कि कोचिंग संस्थानों से कोई भी जुड़ाव अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और आदेश की अनदेखी को गंभीर अनुशासनहीनता माना जाएगा।