साध्वी प्रज्ञा दोषमुक्त फैसला मालेगांव विस्फोट मामले में न्यायिक प्रणाली के लिए ऐतिहासिक क्षण बन गया है।
एनआईए कोर्ट ने 17 वर्षों बाद यह बड़ा फैसला सुनाया कि सभी आरोपी दोषमुक्त हैं।
क्या था मामला?
29 सितंबर 2008 को रमजान और नवरात्रि के दौरान मालेगांव के भीखू चौक पर विस्फोट हुआ।
इस हमले में छह लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हो गए थे।
जांच में सामने आईं खामियां
कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि आरोपी घटनास्थल से जुड़े थे।
घटनास्थल से कोई फिंगरप्रिंट, बम का ठोस प्रमाण या अन्य तकनीकी साक्ष्य नहीं जुटाए गए।
यूएपीए और मेडिकल रिपोर्ट विवाद
अदालत ने पाया कि इस मामले में यूएपीए को सही प्रक्रिया के तहत लागू नहीं किया गया।
साथ ही, मेडिकल सर्टिफिकेट में भी हेराफेरी की गई थी, जिससे घायलों की उम्र गलत बताई गई।
कौन थे आरोपी?
इस केस में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय,
सुधाकर द्विवेदी, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल थे।
निर्णय की समयरेखा
19 अप्रैल को अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे 31 जुलाई को सार्वजनिक किया गया।
यह केस शहीद हेमंत करकरे की शुरुआती जांच के चलते हमेशा सुर्खियों में रहा।