छत्तीसगढ़ में राजस्व विभाग के कामकाज पर ब्रेक लग गया है। राज्यभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। रायपुर सहित प्रदेश के सभी तहसील कार्यालयों में काम पूरी तरह ठप हो गया है।
राजस्व संबंधी कार्य जैसे नक़ल प्राप्त करना, त्रुटि सुधार, जाति-आय प्रमाण पत्र, मूल निवास और जमीन से जुड़े प्रकरणों के लिए बड़ी संख्या में लोग तहसील दफ्तर पहुँच रहे हैं। लेकिन अधिकारियों के अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
रायपुर तहसील में 10,000 से अधिक मामले लंबित
रायपुर तहसील कार्यालय में पहले से ही करीब 10,000 मामले लंबित हैं। हड़ताल की वजह से इनमें से किसी पर भी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। केवल कुछ वकील और पक्षकार पेशी की तारीख जानने दफ्तर पहुँच रहे हैं, लेकिन उन्हें भी कोई जवाब नहीं मिल रहा।
तहसील कार्यालयों में पसरा सन्नाटा
दफ्तरों में सन्नाटा है। रायपुर के तहसीलदार राममूर्ति दिवान, राकेश देवांगन और अतिरिक्त तहसीलदार प्रकाश सोनी के कार्यालय पूरी तरह खाली दिखे। लोग बार-बार आकर अपने जरूरी दस्तावेजों या सुनवाई के लिए पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन हर बार खाली हाथ लौट रहे हैं।
वकीलों की भी बढ़ी परेशानी
कुछ अधिवक्ताओं का कहना है कि तहसील स्तर पर मामलों की सुनवाई न होने से अदालतों का कार्यभार और बढ़ गया है। पेशी की तारीख जानने के लिए अब तहसील के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
प्रदेशव्यापी असर
यह स्थिति सिर्फ रायपुर की नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की है। हर जिले के तहसील कार्यालयों में यही हाल है, जिससे आम नागरिकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल कितने दिन चलेगी, इस पर फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है।