भारतवर्ष के लिए बुधवार का दिन एक बार फिर शोकपूर्ण साबित हुआ जब लद्दाख के दुर्गम इलाके में एक दर्दनाक हादसे ने दो बहादुर सैनिकों की जान ले ली। पूर्वी लद्दाख में दुरबुक से चोंगताश की ओर बढ़ रहे सेना के काफिले में शामिल एक स्कॉर्पियो वाहन पर अचानक भारी चट्टान गिर गई। यह हादसा सुबह लगभग 11:30 बजे हुआ और इसकी चपेट में आकर वाहन का अगला हिस्सा पूरी तरह कुचल गया।
इस घटना में लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह मनकोटिया और लांस नायक दफादार दलजीत सिंह वीरगति को प्राप्त हुए। दोनों ही जवानों ने देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह शहादत हर भारतीय के दिल को छू जाती है।
लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह को भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) से प्रशिक्षण के दौरान ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ और ‘गोल्ड मेडल’ जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए थे। वे हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से थे और वर्तमान में पठानकोट में अपने परिवार के साथ रह रहे थे।
इस दुखद हादसे में तीन अन्य अधिकारी—मेजर मयंक शुभम, मेजर अमित दीक्षित, और कैप्टन गौरव—गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनका उपचार लेह के 153 मिलिट्री अस्पताल में चल रहा है। सेना के अधिकारियों ने बताया है कि सभी की हालत स्थिर है।
घटना की सूचना मिलते ही सेना की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई और तेजी से बचाव कार्य शुरू किया। पत्थरों व मलबे को हटाकर सभी जवानों को निकाला गया। शहीद हुए जवानों को सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई देने की तैयारियां की जा रही हैं।
सेना के उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा और फायर एंड फ्यूरी कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।
यह हादसा हमें एक बार फिर यह याद दिलाता है कि हमारे सैनिक कितनी विषम परिस्थितियों में भी देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उनका बलिदान भारत माता के लिए अमर रहेगा।