छत्तीसगढ़ में धार्मिक मतांतरण और मानव तस्करी के आरोपों में गिरफ्तार दो ननों को एनआईए कोर्ट से ज़मानत मिल गई है। 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने दो ननों को आदिवासी युवतियों के साथ रोका। उनके खिलाफ तस्करी और मतांतरण का आरोप लगाया गया। जांच के बाद मामला एनआईए को सौंपा गया। शुक्रवार को हुई सुनवाई में अभियोजन ने विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने साक्ष्य न मिलने पर शनिवार को जमानत दे दी। इस निर्णय से राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है।
मुख्यमंत्री साय ने दिल्ली में कहा कि अदालत का फैसला सर्वोपरि होगा। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मतांतरण को सामाजिक खतरा बताया। कांग्रेस ने गिरफ्तारी को पूर्वनियोजित और साम्प्रदायिक करार दिया। शशि थरूर और जेबी माथर ने संसद में मुद्दा उठाने की बात कही।