छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को एक बीजापुर IED ब्लास्ट में तीन ग्रामीण घायल हो गए।
यह हादसा तब हुआ जब धनगोल गांव के कुछ ग्रामीण जंगल में मशरूम (फुटु) इकट्ठा करने गए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये ग्रामीण थाना मद्देड़ के धनगोल क्षेत्र में जंगल के भीतर गए थे।
जहां माओवादियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए प्रेशर IED बिछा रखे थे।
इसी दौरान ग्रामीण अनजाने में उस IED की चपेट में आ गए, जिससे जोरदार विस्फोट हुआ।
घायलों की जानकारी इस प्रकार है:
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कविता कुड़ियम (16 वर्ष) – नाबालिग बालिका, निवासी धनगोल
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कोरसे संतोष (26 वर्ष) – ग्रामीण युवक
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चिड़ेम कन्हैया (24 वर्ष) – निवासी धनगोल
इन सभी को चेहरे और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं।
स्थानीय पुलिस और प्रशासन को जैसे ही सूचना मिली, उन्हें बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उनका इलाज जारी है।
यह घटना यह दर्शाती है कि नक्सली हिंसा अब आम नागरिकों के जीवन को सीधे प्रभावित कर रही है।
प्रेशर IED जैसे घातक हथियारों का जंगलों में इस्तेमाल न सिर्फ सुरक्षा बलों बल्कि ग्रामीणों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है।
प्रशासन की अपील:
प्रशासन ने ग्रामीणों से अनुरोध किया है कि वे जंगलों में भ्रमण करते समय पूरी सतर्कता बरतें।
अगर किसी को कोई संदिग्ध वस्तु या हलचल दिखे, तो उसे तुरंत नजदीकी थाना या सुरक्षा कैंप को सूचित करें।
इस प्रकार की सूचनाएं कई जानें बचा सकती हैं और बड़ी घटनाओं को टाल सकती हैं।
बीजापुर IED ब्लास्ट की यह घटना एक चेतावनी है कि नक्सली खतरा अभी भी सक्रिय है।
सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहना होगा और आम लोगों को जागरूक बनाना होगा।