छत्तीसगढ़ से घुसपैठियों की वापसी की शुरुआत रायपुर पुलिस की सतर्कता से हुई है। राज्य में लंबे समय से अवैध रूप से रह रहे करीब 30 बांग्लादेशी नागरिकों को चिन्हित कर डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इन व्यक्तियों को रायपुर, दुर्ग, मोहला-मानपुर, राजनांदगांव, चिरमिरी और रायगढ़ जैसे ज़िलों से पकड़ा गया था। इनकी गतिविधियों की जानकारी पुलिस और खुफिया एजेंसियों को मिली थी, जिसके बाद गहन जांच के आधार पर इन्हें हिरासत में लिया गया।
भारत-बांग्लादेश सीमा की ओर रवाना हुई टीम
सभी बांग्लादेशी नागरिकों को आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के तहत अब सीमा सुरक्षा बल (BSF) को सौंपने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा की ओर रवाना किया गया है। वहां अंतिम पहचान के बाद उन्हें उनके देश वापस भेजा जाएगा।
रायपुर पुलिस ने यह कार्यवाही पूरी सतर्कता और संवैधानिक प्रक्रिया के तहत की है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि किसी निर्दोष पर कोई गलत प्रभाव न पड़े।
गुप्त निगरानी और दस्तावेजी सत्यापन
इस पूरी कार्रवाई में सबसे पहले सभी संदिग्धों की पहचान की गई। इसके बाद उनके दस्तावेज, ठहराव, नागरिकता और अन्य गतिविधियों की जांच की गई। कई के पास कोई वैध दस्तावेज मौजूद नहीं था, जिससे यह साफ हो गया कि वे अवैध रूप से भारत में रह रहे थे।
इस मामले में सभी जांच पूरी करने के बाद, इन्हें डिपोर्टेशन प्रक्रिया के तहत सीमा पार भेजा जा रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता
यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। रायपुर पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य की सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। अब प्रशासन ने प्रदेश में रहने वाले विदेशियों के सत्यापन अभियान को और अधिक सक्रिय कर दिया है।