दंतेश्वरी मंदिर दानपेटी 2025 एक बार फिर सुर्खियों में है। लगभग पांच महीनों के बाद मंदिर प्रशासन ने सोमवार को मां दंतेश्वरी की दानपेटी खोली, जिसमें केवल नगदी या आभूषण नहीं, बल्कि श्रद्धा और भावनाओं से भरे पत्र भी मिले। इन पत्रों ने यह सिद्ध किया कि मंदिर केवल आस्था का नहीं, बल्कि लोगों की उम्मीदों का भी केंद्र है।
दानपेटी से इस बार ₹11,18,194 की नगद राशि प्राप्त हुई, साथ ही सोने-चांदी के आभूषण, मन्नतें और पत्रों की ढेर लगी रही। कई भक्तों ने मां से दिल से की गई प्रार्थनाएं लिखीं — किसी ने कहा, “मां, मेरी गर्लफ्रेंड से शादी करवा दो,” तो किसी ने NMDC में सरकारी नौकरी की मांग की।
हर चढ़ावे में छिपी है श्रद्धा की कहानी
दानपेटी में केवल पैसे नहीं मिले, बल्कि ऐसे भावुक पत्र भी मिले जो हर इंसान की मन की आवाज़ को बयां करते हैं। कोई अपने परिवार की सुख-शांति की दुआ लेकर आया था, तो कोई विदेश से ज्योति कलश अर्पण करने पहुंचा। इससे यह सिद्ध होता है कि दंतेश्वरी माता के प्रति आस्था केवल स्थानीय नहीं, बल्कि वैश्विक बन चुकी है।
फरवरी में मिला था ₹19 लाख से अधिक चढ़ावा
फरवरी 2025 में जब पिछली बार दानपेटी खोली गई थी, तब ₹19,23,723 की राशि मिली थी। इस बार राशि थोड़ी कम जरूर रही, लेकिन उसमें मिले पत्रों ने यह दिखा दिया कि आस्था की गहराई को पैसों से नहीं मापा जा सकता।
नवरात्रि में आता है करोड़ों का चढ़ावा
शारदीय नवरात्रि के समय यह मंदिर सबसे अधिक चढ़ावा प्राप्त करता है। ₹1 करोड़ से अधिक की राशि सिर्फ नवरात्रि में ही भक्तों द्वारा मंदिर को समर्पित की जाती है। यही नहीं, देश-विदेश से श्रद्धालु इस अवसर पर मंदिर पहुंचते हैं और ज्योति कलश जलवाते हैं।
दान से बनता है मंदिर और मजबूत
मंदिर में जो चढ़ावा प्राप्त होता है, उसी से मंदिर की व्यवस्थाएं, रखरखाव, सांस्कृतिक आयोजन और भंडारे संचालित होते हैं। खास बात यह है कि यहां चढ़ाए गए चांदी से विशेष धार्मिक सिक्के भी बनवाए जाते हैं, जिन्हें मंदिर परिसर में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।