छत्तीसगढ़ सरकार ने हाउसिंग बोर्ड की योजनाओं को लेकर एक अहम निर्णय लिया है।
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में जानकारी दी कि अब केवल उन्हीं प्रोजेक्ट्स पर कार्य होगा जिनमें 60% प्री-बुकिंग पहले से सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि यह नीति राज्य की संपत्तियों को अनावश्यक नुकसान से बचाने के उद्देश्य से लागू की गई है।
अब बिना मांग के कोई भी निर्माण कार्य आरंभ नहीं होगा, जिससे राजकोषीय अनुशासन बना रहेगा।
ओपी चौधरी ने यह भी बताया कि हाउसिंग बोर्ड द्वारा 80,000 मकानों का निर्माण किया गया है, जिनमें से 78,000 पहले ही बिक चुके हैं।
शेष मकानों की बिक्री के लिए ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) पॉलिसी को दोबारा लागू किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस बार मार्च 2025 में ओटीएस स्कीम फिर से शुरू की गई है, जिसके तहत अब तक 1,000 मकानों का आवंटन किया गया है,
जिसकी कुल लागत 147 करोड़ रुपये रही है।
पहली बार ओटीएस नीति वर्ष 2021 में लाई गई थी, जिसके अंतर्गत तीन वर्षों में 506 मकानों का आवंटन किया गया था।
नई नीति को मिल रहा उत्साहजनक प्रतिसाद दिखाता है कि जनता इस पहल को लेकर सकारात्मक है।
यह रणनीति छत्तीसगढ़ को एक ऐसा मॉडल राज्य बनाएगी, जहां आवश्यकता के अनुसार योजनाएं बनेंगी और संसाधनों का सही उपयोग होगा।
ओटीएस पॉलिसी और प्री-बुकिंग आधारित प्रोजेक्ट्स राज्य की आर्थिक मजबूती और नियोजित नगरीकरण का प्रतीक बन रहे हैं।