जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद राज्यसभा में एक अहम बदलाव देखने को मिला है।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को अब कार्यवाहक सभापति की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सोमवार को मानसून सत्र के पहले ही दिन उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपना पद छोड़ने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया।
इसके बाद हरिवंश नारायण सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और कार्यभार संभालने की प्रक्रिया शुरू हुई।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद से ही हरिवंश नारायण कार्यवाहक सभापति बनने की दौड़ में सबसे आगे थे।
अब जब तक इस पद पर कोई नया उपराष्ट्रपति नियुक्त नहीं हो जाता, तब तक हरिवंश नारायण कार्यवाहक सभापति की भूमिका निभाएंगे।
उनके पास पहले से राज्यसभा के उपसभापति के रूप में काम का अनुभव है, इसलिए वे इस नई जिम्मेदारी को सहजता से निभा सकते हैं।
हरिवंश नारायण कार्यवाहक सभापति बनने के साथ ही संसद में एक नई ऊर्जा और संतुलन की उम्मीद की जा रही है।
यह कदम संसद की गरिमा बनाए रखने और सत्र को सुचारु रूप से चलाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
अब सबकी निगाहें नए उपराष्ट्रपति की घोषणा पर टिकी हुई हैं, जो भविष्य में इस पद को स्थायी रूप से संभालेंगे।