भारतवर्ष में नाग पंचमी का पर्व धार्मिक श्रद्धा और संस्कृति की जीवंत मिसाल है।
आज का दिन सम्पूर्ण देश में नाग देवता की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित रहता है।
लोग परंपरा अनुसार नाग देवता की मूर्तियों या चित्रों की पूजा करते हैं और श्रद्धा के साथ दूध चढ़ाते हैं।
इस दिन कई क्षेत्रों में भव्य मेले लगते हैं, जिसमें कुश्ती और ग्रामीण खेलों का आयोजन भी होता है।
कहीं-कहीं पर पशुओं का विशेष स्नान कराकर उन्हें सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है।
हमारी सनातन संस्कृति सिखाती है कि प्रत्येक जीव में ईश्वर का अंश है।
इसलिए नाग पंचमी जैसे पर्व हमें प्रकृति, जीव-जंतुओं और समस्त सृष्टि के प्रति कृतज्ञता का भाव सिखाते हैं।
नाग पंचमी न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बन चुकी है।
धन्य है हमारी परंपरा जो हर जीव को देवत्व की दृष्टि से देखती है।
नाग पंचमी के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।