ट्रांसफार्मर फेल, गांव अंधेरे में, बिजली व्यवस्था चरमराई
कवर्धा जिले के तमरूवा गांव में ट्रांसफार्मर फेल गांव अंधेरे जैसी स्थिति ने व्यवस्था की पोल खोल दी है।
बिजली विभाग ने ट्रांसफार्मर पोल तक पहुंचाने के लिए भैंस गाड़ी का इस्तेमाल किया, लेकिन दोनों बार योजना असफल रही।
ग्रामीणों का कहना है कि एक महीने से बिजली नहीं है और विभाग केवल दिखावा कर रहा है।
ट्रांसफार्मर लाया गया लेकिन दोनों बार खराब निकला
शुरुआत में ग्रामीणों ने ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचना दी, पर विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया।
बाद में विभाग की टीम गांव पहुंची और ट्रांसफार्मर को खेतों के रास्ते भैंसगाड़ी से खींचकर पोल तक लाया गया।
लेकिन दोनों बार जो ट्रांसफार्मर लाए गए, वे खराब निकले। इससे फसल को भी नुकसान हुआ और समस्या जस की तस रही।
बच्चों की पढ़ाई से लेकर सिंचाई तक पर पड़ा असर
एक माह से बिजली नहीं होने के कारण गांव में ट्रांसफार्मर फेल गांव अंधेरे की गंभीर स्थिति बनी हुई है।
बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे, मोबाइल चार्जिंग और सिंचाई जैसे कार्य भी पूरी तरह रुक गए हैं।
लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन करेंगे।
विभाग का बयान: ट्रांसपोर्टिंग और हिलने से आई खराबी
सहायक अभियंता संदीप कुमार सोनी ने कहा कि ट्रांसफार्मर खेत में लगाया गया था, हिलने-डुलने से खराब हो गया होगा।
उन्होंने कहा कि यह गारंटी पीरियड का ट्रांसफार्मर है और टेस्टिंग के बाद ही रिपोर्ट आती है।
लेकिन लगातार दो बार फेल होना, विभाग की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।