छत्तीसगढ़ के अंतरराष्ट्रीय पैरा-आर्मरेसलर श्रीमंत झा ने राज्य सरकार से सम्मान की मांग करते हुए भावनात्मक अपील की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्हें सिर्फ पुरस्कार नहीं, बल्कि राज्य की औपचारिक पहचान चाहिए।
श्री झा वर्षों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक ला रहे हैं, फिर भी आज तक उन्हें राज्य से कोई बड़ा खेल पुरस्कार नहीं मिला है। उनके अनुसार, अन्य राज्यों ने दिव्यांग खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में केवल पदक तक सीमित होकर बात खत्म हो जाती है।
उन्होंने बताया कि वे लगातार शहीद राजीव पांडे खेल पुरस्कार के लिए आवेदन करते हैं, पर चयन प्रक्रिया में हर बार निराशा मिलती है।
श्री झा का कहना है कि अगर एक दिव्यांग खिलाड़ी, जो शिक्षा और खेल दोनों में अग्रणी हो, फिर भी नजरअंदाज हो रहा है, तो यह नीति पर सवाल है। वे मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री रखने के साथ-साथ युवाओं के लिए प्रेरणा भी हैं।
उनकी अपील केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के सभी दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए न्याय की मांग है।