खाद दवा फेंकी जांच से जुड़ा यह मामला छत्तीसगढ़ के नागाबुड़ा गांव से सामने आया है।
यहां कृषक सूचना केंद्र में वर्षों से बंद कमरे में पड़ी लाखों की सामग्री सड़ गई और अंततः पंचायत ने उसे ट्रैक्टर से गांव के बाहर फिंकवा दिया।
इनमें जैविक खाद, कीटनाशक, फफूंदनाशक और कल्चर शामिल थे, जिन्हें प्रदर्शनी योजना के तहत किसानों को वितरित किया जाना था।
खराब हो गया केंद्र, फैली बदबू
सूचना केंद्र की हालत ऐसी हो गई थी कि भवन जर्जर हो गया और वहां से तेज दुर्गंध फैलने लगी।
गांव के पास स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र के मरीज भी परेशान हो रहे थे।
बार-बार शिकायत के बाद भी चुप्पी
उपसरपंच तोमस साहू ने बताया कि प्रशासन को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
अंततः ग्रामवासियों ने सामूहिक निर्णय लेकर दवाओं को बाहर फेंका।
लाखों की सामग्री हुई बर्बाद
तीन ट्रैक्टर ट्रॉली में जो सामग्री फेंकी गई, उसकी अनुमानित कीमत 7 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।
यह सामग्री पिछले 10 वर्षों से किसानों को तकनीकी सहायता देने के लिए खरीदी गई थी, लेकिन कभी बांटी नहीं गई।
कौन है जिम्मेदार?
ग्रामीण विस्तार अधिकारी तरुण कश्यप का कहना है कि यह दवाएं उनके आने से पहले की हैं।
उन्होंने विभाग को सूचना दी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
कृषि उपसंचालक चंदन राय ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से मामले की जानकारी मिली है और अब जांच कराई जाएगी।
योजनाओं की सच्चाई आई सामने
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सवाल यह भी है कि क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला पुरानी फाइलों में गुम हो जाएगा?