दुर्ग जिले में भारी बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। बीते दो दिनों की लगातार बारिश से शिवनाथ नदी बाढ़ के स्तर पर पहुंच गई है। पानी का बहाव इतना तेज है कि नदी किनारे के गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
जिला प्रशासन ने नदी से लगे क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है। SDRF की टीम को भी राहत और बचाव कार्य के लिए सक्रिय कर दिया गया है। बोरसी, शंकर नगर, मीनाक्षी नगर, गया नगर जैसे इलाकों में घरों और सड़कों पर पानी भर गया है। भिलाई टाउनशिप के कई सेक्टर भी जलभराव से प्रभावित हुए हैं। सेक्टर 6 में एक पुराना नीम का पेड़ गिरने से एक कार दब गई, लेकिन राहत की बात रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
थनौद गांव में भारत माला परियोजना के तहत सड़क निर्माण कार्य के दौरान 32 लोग बाढ़ में फंस गए थे। इनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे। SDRF रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत इन सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसकी जानकारी जिला सेनानी नागेंद्र कुमार सिंह ने दी।
महमरा एनीकट पर पानी सामान्य स्तर से करीब 5 फीट ऊपर बह रहा है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। मंगलवार और बुधवार की रात दुर्ग में 77.3 मिमी और अहिवारा में 103 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
सुबह बारिश थमने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली और जलनिकासी कार्य में तेजी लाई गई। सभी प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ संकट से निपटने के लिए राहत कार्य लगातार जारी हैं।