छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौंडी ब्लॉक स्थित किशनपुरी गांव में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की बेहद कमी से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। गांव में लंबे समय से सिर्फ एक शिक्षक पदस्थ है, जिससे पांच कक्षाओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसी के विरोध में नाराज अभिभावकों ने स्कूल को ताला लगाकर बंद कर दिया है। बच्चों की पढ़ाई न रुके, इसके लिए गांव के पढ़े-लिखे युवाओं ने बाहर पीपल के पेड़ की छांव में बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है।
शिक्षकों की मांग पर नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से शिक्षक पदों की पूर्ति की मांग की, लेकिन अब तक समाधान नहीं मिला। थक-हारकर पालकों ने विरोध के तौर पर स्कूल परिसर बंद कर दिया और खुले में पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था की।
बीईओ ने दिया आश्वासन
घटना की सूचना मिलते ही संकुल समन्वयक और बीईओ रोहित सिन्हा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की। बीईओ ने कहा कि शीघ्र ही शिक्षक की नियुक्ति कर पढ़ाई नियमित की जाएगी।
पूर्व सरपंच का आरोप प्रशासन पर
पूर्व सरपंच जगनू राम भेड़िया ने बताया कि एक माह से लगातार शिक्षक की मांग उठाई जा रही थी। प्रशासन ने यदि समय रहते ध्यान दिया होता तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती।
ग्रामीणों की शिक्षा के प्रति संवेदनशीलता
गांव के युवाओं ने पढ़ाई को जारी रखने की जिम्मेदारी उठाकर यह साबित कर दिया कि वे शिक्षा के महत्व को समझते हैं। लेकिन सरकारी तंत्र की सुस्ती से बच्चों की शिक्षा पर संकट बना हुआ है।