रायपुर नगर निगम में महापौर मीनल चौबे ने शुक्रवार को एक अहम बैठक ली। बैठक में जल कार्य और स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों के साथ चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने शहर में जलभराव को लेकर अफसरों को सख्त निर्देश दिए।
महापौर ने कहा कि किसी के घर में बारिश का पानी भरा तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी जोन कमिश्नर अपने-अपने क्षेत्र में फील्ड में उतरकर जल निकासी की व्यवस्था को बेहतर करें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बरसात के मौसम में जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
स्वच्छता और गड्ढों की मरम्मत पर भी फोकस
महापौर ने बैठक में स्पष्ट कहा कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सभी जोन कमिश्नर सुनिश्चित करें कि शहर के किसी भी वार्ड में जलभराव की स्थिति ना बने। बरसात के कारण सड़कों में गड्ढे बढ़ते हैं, इसलिए जोन स्तर पर उन्हें ठीक करने की जिम्मेदारी तय की गई।
साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि लगभग 2200 पावर पंप और 700 हैंडपंप का तीन चरणों में शुद्धिकरण करें। क्योंकि बारिश में दूषित पानी से बीमारियां फैलने का खतरा रहता है।
तीसरे चरण में 30 जुलाई को होगा शुद्धिकरण अभियान
तीसरा चरण 30 जुलाई को सभी 10 जोनों के 70 वार्डों में एक साथ चलाया जाएगा। इसमें ब्लीचिंग पाउडर से जल स्रोतों की सफाई होगी। ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी का खतरा न हो।
आयुक्त विश्वदीप ने भी सभी जोन कमिश्नरों को महापौर के निर्देशों को सख्ती से लागू करने को कहा है। उन्होंने चेताया कि बाजार और सार्वजनिक क्षेत्रों में गंदगी फैलाने वालों पर ई-जुर्माना लगाया जाएगा।
निजी कॉलोनियों की पेयजल रिपोर्ट भी मांगी गई
महापौर ने यह भी साफ किया कि अब बिल्डर जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। क्योंकि बसाहट बढ़ने के बाद नागरिक निगम से पानी की मांग करते हैं। इसलिए सभी निजी कॉलोनियों में पेयजल सुविधा की जांच रिपोर्ट सात दिन में जमा करनी होगी।
उन्होंने फिर दोहराया कि शहर में जलभराव अब प्रशासन की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही हुई तो सीधे कार्रवाई की जाएगी।