छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) से जुड़े कर्मचारियों ने 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन प्रदर्शन की घोषणा की है। इस आंदोलन का उद्देश्य अपनी 10 प्रमुख मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है।
NHM कर्मियों का प्रदर्शन लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर किया जा रहा है, जिन पर सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने कहा कि वर्षों से केवल आश्वासन मिलते आ रहे हैं। कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, लेकिन सरकार की चुप्पी अब सहन नहीं होगी।
डॉ. मिरी ने यह भी स्पष्ट किया कि संगठन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों, इसका हरसंभव प्रयास करेगा। लेकिन अगर शासन ने फिर भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो संघर्ष अनिवार्य हो जाएगा।
NHM कर्मियों की दस प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
-
सभी कर्मचारियों का संविलियन और स्थायीकरण किया जाए।
-
पब्लिक हेल्थ कैडर की तत्काल स्थापना हो।
-
सभी पदों के लिए ग्रेड पे की स्पष्टता और निर्धारण हो।
-
कार्य मूल्यांकन प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
-
लंबे समय से लंबित 27% वेतन का भुगतान किया जाए।
-
नियमित भर्तियों में NHM कर्मियों को आरक्षण मिले।
-
अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रिया लागू की जाए।
-
मेडिकल अवकाश और अन्य छुट्टियों की सुविधा दी जाए।
-
स्थानांतरण के लिए स्पष्ट नीति बनाई जाए।
-
न्यूनतम 10 लाख रुपये तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाए।
NHM कर्मियों का प्रदर्शन स्वास्थ्य व्यवस्था पर सीधा असर डाल सकता है, क्योंकि मिशन से जुड़े अधिकांश कर्मचारी ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की रीढ़ हैं।