बस्तर में बड़ा बदलाव दिखने लगा है क्योंकि बिजली, शिक्षा, सुरक्षा और संगठन सभी क्षेत्रों में योजनाएं तेजी से लागू हो रही हैं।
राज्य शासन ने बस्तर के लिए 240 करोड़ रुपए की विद्युत अधोसंरचना परियोजना स्वीकृत की है, जिससे पूरे क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
इस योजना में 400 केवी अतिरिक्त उपकेन्द्र और 500 एमवीए क्षमता के ट्रांसफॉर्मर के साथ तीन प्रमुख उपकेन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
ग्रामीणों को मिलेगी स्थायी बिजली
बस्तर में बड़ा बदलाव खासकर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलेगा क्योंकि अब गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति होगी।
इस परियोजना से आंगनबाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र और किसानों को सिंचाई के लिए विश्वसनीय बिजली दी जाएगी।
पुराने और कमजोर ट्रांसफॉर्मर की वजह से बिजली की जो समस्या थी, उसका समाधान इस परियोजना से संभव होगा।
कॉलेजों में सीधे प्रवेश की अंतिम तारीख
बस्तर में बड़ा बदलाव शिक्षा में भी हो रहा है। शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय ने 31 जुलाई तक सीधे प्रवेश की सुविधा दी है।
बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमबीए जैसे कोर्सेस में छात्र सीधे आवेदन कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय ने बताया कि पीजीडीसीए और पत्रकारिता डिप्लोमा जैसे कोर्स के लिए भी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया खुली है।
शिक्षक की लापरवाही पर कार्रवाई
बस्तर में बड़ा बदलाव शिक्षा व्यवस्था की निगरानी में भी हो रहा है। खुटगुड़ा स्कूल में समय पर नहीं खुलने पर शिक्षक निलंबित हुआ।
संयुक्त संचालक राकेश पांडे के निरीक्षण में स्कूल बंद पाया गया, और शिक्षक की छुट्टी एप्लीकेशन में गड़बड़ी भी मिली।
आदिवासी छात्र को शिक्षा से वंचित किया गया
राधना स्कूल में एक आदिवासी छात्र को जबरन टीसी देकर स्कूल से निकाल दिया गया।
बस्तर में बड़ा बदलाव की उम्मीदों के बीच यह घटना चिंता बढ़ा रही है, क्योंकि छात्र अब मजदूरी कर रहा है।
राज्य सरकार जहां स्कूल वापसी अभियान चला रही है, वहीं एक छात्र को शिक्षा से वंचित करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
आम आदमी पार्टी करेगी बूथ स्तर तक विस्तार
बस्तर में संगठन स्तर पर भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। आम आदमी पार्टी ने 30 जुलाई तक सभी जिलों में बैठकें तय की हैं।
प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक के मार्गदर्शन में यह विस्तार किया जाएगा, जिसमें युवाओं और महिलाओं को विशेष जिम्मेदारी मिलेगी।
सीआरपीएफ ने ग्रामीणों को बांटे रेडियो
बस्तर में बड़ा बदलाव सुरक्षा व सामाजिक विकास में भी दिख रहा है। सीआरपीएफ की 80वीं बटालियन ने ग्रामीणों को रेडियो वितरित किए।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रेडियो सेट बांटकर जागरूकता और संवाद की दिशा में यह एक मजबूत कदम है।
कमांडेंट जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में यह आयोजन भद्रीमऊ और चिन्नाकोडेपाल क्षेत्र में किया गया।