छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के एक शासकीय विद्यालय में मिड-डे मील को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। लच्छनपुर गांव के स्कूल में कुत्ते द्वारा जूठा किए गए भोजन को छात्रों को परोसा गया। इस गंभीर घटना पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।
कोर्ट ने इसे एक अमानवीय कृत्य और प्रशासनिक विफलता बताते हुए राज्य सरकार से चार अहम सवाल पूछे हैं। शिक्षा सचिव को इन सभी बिंदुओं का शपथ पत्र सहित जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की पीठ ने समाचारों के आधार पर इस मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए कहा कि बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि सभी 84 बच्चों को रेबीज वैक्सीन दी गई या नहीं?
खबरों के अनुसार, केवल 78 बच्चों को टीका लगाया गया, जिस पर कोर्ट ने शेष बच्चों की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने जानना चाहा है कि स्कूल स्टाफ और स्व सहायता समूह पर क्या दंडात्मक कार्रवाई की गई? और क्या बच्चों को कोई मुआवजा दिया गया है?
हाईकोर्ट ने इस पूरे घटनाक्रम को केवल लापरवाही नहीं बल्कि गंभीर चूक बताया है। न्यायालय ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि आगे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या पुख्ता उपाय किए जाएंगे।
कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 19 अगस्त तय की है। इसमें शिक्षा सचिव को सभी प्रश्नों के उत्तर शपथ पत्र सहित प्रस्तुत करने होंगे।