छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को लाभदायक बनाने के लिए कृषक उन्नति योजना शुरू की है। इस योजना के तहत यदि किसान धान की जगह दलहन, तिलहन, मक्का या मिलेट्स की खेती करते हैं, तो उन्हें प्रति एकड़ 11,000 रुपये की नकद सहायता दी जाएगी।
फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने वाली यह योजना खरीफ 2025 से लागू होगी। कृषि विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों और अधिकारियों को इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने इंटीग्रेटेड किसान पोर्टल में पंजीयन कराया है और पिछले खरीफ में धान बेचा है। अब यदि वे अन्य फसलें उगाते हैं, तो उन्हें DBT के माध्यम से 10,000 से 11,000 रुपये सीधे उनके बैंक खातों में दिए जाएंगे।
जो किसान अभी भी धान उगाते रहेंगे, उन्हें भी नुकसान नहीं होगा। उन्हें ग्रेड ए धान पर ₹14,931 और सामान्य धान पर ₹15,351 प्रति एकड़ की सहायता राशि मिलेगी। यह राशि समर्थन मूल्य, गिरदावरी और बिक्री के रिकॉर्ड के अनुसार तय की जाएगी।
सरकार ने योजना के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्राइवेट कंपनियों, संस्थानों और ट्रस्टों को इससे बाहर कर दिया है। केवल योग्य किसानों को ही लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा वर्षा आधारित खेती पर निर्भर है।
किसान तकनीकी संसाधनों पर कम निवेश कर पाते हैं। ऐसे में यह योजना उन्हें आर्थिक संबल देगी और खेती को अधिक टिकाऊ बनाएगी। कृषक उन्नति योजना से राज्य में दलहन, तिलहन और मिलेट्स का उत्पादन बढ़ेगा, जिससे पोषण सुरक्षा और जल संरक्षण को भी बल मिलेगा।
यह योजना छत्तीसगढ़ किसानों के लिए योजना के रूप में एक नई दिशा देगी और उन्हें परंपरागत खेती से आगे बढ़ने का अवसर देगी।