सीमा पर फूटा युद्ध का ज्वालामुखी, थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष से दहशत

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा संघर्ष

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In this photo released by The Government Spokesman Office, Thailand's Prime Minister Paetongtarn Shinawatra, talks to Commander of the 2nd Army Area Lieutenant General Boonsin Padklang, left, during a meeting with soldiers at Ubonratchathani province, northeast of Bangkok, Friday, June 20, 2025. (Government Spokesman Office via AP)

साउथ एशिया में एक बार फिर तनाव ने भयानक मोड़ ले लिया क्योंकि थाईलैंड और कंबोडिया आमने-सामने आ गए।
गुरुवार सुबह से दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी जारी है और अब यह लड़ाई तेज हो गई है।
थाईलैंड ने छह F-16 फाइटर जेट तैनात किए और इनमें से एक ने कंबोडिया के सैन्य अड्डे को निशाना बनाया।

कंबोडिया ने पलटवार करते हुए मिसाइल हमले किए, जिसमें नौ लोगों की मौत और कई घायल हो गए।
थाई सीमा पर बसे सुरिन प्रांत में लोग बंकरों में छिपने को मजबूर हैं क्योंकि हर ओर गोलियों की आवाजें गूंज रही हैं।
थाई सरकार ने कंबोडिया से लगी सीमा को पूरी तरह बंद कर दिया है जिससे व्यापार और आवागमन पर असर पड़ा है।

तनाव तब भड़का जब कंबोडियाई सैनिकों ने थाई सैन्य चौकियों और एक अस्पताल को भी तोप से निशाना बनाया।
थाईलैंड ने चेतावनी दी है कि अगर हमला जारी रहा तो वह आत्मरक्षा में और सख्त कार्रवाई करेगा।
कंबोडिया ने आरोप लगाया है कि थाई सैनिकों ने उनकी सीमा में घुसपैठ की थी जिससे उन्हें जवाब देना पड़ा।

दोनों देशों के बीच 817 किलोमीटर की सीमा पर लंबे समय से विवाद चलता आ रहा है जो अब विस्फोटक स्थिति में है।
2011 में भी इसी तरह की मुठभेड़ में दर्जनों नागरिकों की जान जा चुकी थी और इस बार भी हालात बेकाबू हो रहे हैं।
इस बार विवाद तब भड़का जब एक कंबोडियाई सैनिक की हत्या के बाद राजनयिक संबंधों में खटास आ गई।

गुरुवार को गोलीबारी की शुरुआत उस वक्त हुई जब ता मोआन थोम मंदिर के पास दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गईं।
ड्रोन और भारी हथियारों के साथ किए गए हमलों ने साबित किया कि दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
अब विश्व समुदाय की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या शांति बहाल होगी या यह विवाद और उग्र रूप लेगा।

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