डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को ‘Dead Economy’ करार देकर राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया, लेकिन अमेरिका की खुद की आर्थिक हालत को वो नजरअंदाज कर रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान अमेरिका में नौकरियों में भारी गिरावट, महंगाई में इज़ाफा और उत्पादन में ठहराव देखने को मिला है।
अमेरिका में 1 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लागू करने की योजना ट्रंप की उन कई आक्रामक नीतियों में से एक है, जिनका असर खुद अमेरिकी बाजारों पर पड़ा है। टैरिफ की शुरुआत के बाद अमेरिका में अप्रैल से जुलाई तक 37,000 विनिर्माण नौकरियां समाप्त हो चुकी हैं। बीते वर्षों की तुलना में यह गिरावट चिंताजनक है।
जहां भारत की अर्थव्यवस्था लगातार 7% की दर से वृद्धि कर रही है, वहीं अमेरिका में आर्थिक गतिविधियों की गति धीमी पड़ी है। ट्रंप की नीतियों के चलते अमेरिका की आर्थिक स्थिति अनिश्चितता से घिरी हुई है।
ट्रंप ने फेडरल रिजर्व पर भी आरोप लगाए और ब्याज दर घटाने की मांग की, जिससे महंगाई और भी बढ़ सकती है। यह एक अस्थिर और जोखिम भरी नीति है, क्योंकि पहले ही टैरिफ के कारण कीमतों में बढ़ोतरी हो चुकी है।
भारत पर टिप्पणी करने से पहले ट्रंप को अपने देश की आंतरिक आर्थिक समस्याओं को समझना चाहिए। भारत आज विश्व मंच पर आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है जबकि अमेरिका आंतरिक अस्थिरता से जूझ रहा है।