रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजिम मेला को अब एक नई धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान मिलने जा रही है। गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर विकासखंड में आयोजित होने वाले इस प्राचीन मेले के सौंदर्यीकरण और मूलभूत सुविधाओं के विकास हेतु 20 करोड़ 23 लाख 50 हजार रुपये की राशि राज्य शासन द्वारा स्वीकृत की गई है।
इस राशि की मंजूरी जल संसाधन विभाग के माध्यम से द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के रूप में दी गई है। यह स्वीकृति महानदी परियोजना योजना मद के अंतर्गत प्राप्त की गई है, जिसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं प्रदान करना है।
परियोजना के अंतर्गत लगभग 480 मीटर क्षेत्र में स्नान प्लेटफार्म, गंगा आरती स्थल, शाही स्नान कुंड और सीढ़ियों का निर्माण किया जाएगा। यह संपूर्ण कार्य चौबेबांचा पुल तक विस्तारित होगा, जिससे राजिम में होने वाले धार्मिक आयोजनों में सुविधा और समर्पण का नया आयाम जुड़ सकेगा।
सरकार का यह निर्णय न सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियों को नया मंच भी प्रदान करेगा। इससे जुड़े कार्यों में स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
राजिम मेला, जिसे छत्तीसगढ़ का कुंभ भी कहा जाता है, हजारों श्रद्धालुओं को हर वर्ष आकर्षित करता है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा यह विकास कार्य स्थानीय आस्था और सांस्कृतिक विरासत की पहचान को और मजबूती देगा।
राज्य शासन का मानना है कि इस प्रकार की योजनाएं धार्मिक स्थलों की गरिमा बढ़ाने के साथ-साथ आधुनिक व्यवस्थाओं के साथ आस्था का मेल स्थापित करती हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में धार्मिक पर्यटन को सशक्त आधार देने की यह एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
यह परियोजना पूरी होते ही राजिम मेला में आने वाले श्रद्धालु बेहतर घाट, सुरक्षित आरती मंच और विशाल स्नान कुंडों का लाभ उठा सकेंगे, जिससे राज्य की धार्मिक पहचान को एक नई ऊंचाई मिलेगी।