छत्तीसगढ़ में नया भवन निर्माण नियम लागू, अनदेखी पर कार्रवाई तय
अब छत्तीसगढ़ में मकान या कमर्शियल भवन बनाना आसान नहीं होगा, क्योंकि नया भवन निर्माण नियम लागू कर दिया गया है।
नगर निगम की अनुमति के साथ-साथ अब क्रेडा द्वारा तय किए गए ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (CGECBC) को भी मानना अनिवार्य होगा।
नए नियम के अनुसार हर भवन को इस तरह डिजाइन करना होगा कि उसमें 40% तक बिजली की बचत हो सके।
अगर इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो भवन निर्माण की अनुमति निरस्त की जा सकती है और भारी जुर्माना भी लगेगा।
क्रेडा ने दो चरणों में तय की योजना:
पहले चरण में यह नियम केवल कमर्शियल भवनों पर लागू किया जा रहा है।
दूसरे चरण में इसे आवासीय टाउनशिप और आम मकानों पर भी लागू किया जाएगा।
इस कोड के जरिए बिजली बचत को मजबूती दी जाएगी और पर्यावरण के अनुकूल निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
नया भवन निर्माण नियम केवल डिजाइन नहीं, जीवनशैली में बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इन प्रमुख बिंदुओं पर देना होगा ध्यान:
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प्राकृतिक प्रकाश: भवन की संरचना ऐसी हो कि दिन में लाइट जलाने की जरूरत न पड़े।
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एनर्जी एफिशिएंट उपकरण: सभी उपकरण एलईडी और स्टार रेटिंग वाले होंगे, जिससे ऊर्जा की खपत कम होगी।
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क्लाइमेट फ्रेंडली मटेरियल: भवन निर्माण में फ्लाई ऐश ईंट और ऊर्जा बचाने वाले मटेरियल का उपयोग जरूरी होगा।
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सोलर एनर्जी ज़ोन: मॉल और बड़े भवनों में अधिकतर सिस्टम सौर ऊर्जा से चलाए जाएंगे।
सीएसवीटीयू को मिला अहम दायित्व
क्रेडा ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (CSVTU) के साथ साझेदारी की है।
अब CSVTU एनर्जी ऑडिटर (बिल्डिंग) तैयार करेगा, जो इन नियमों की निगरानी करेंगे।
इसके लिए मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्रों को विशेष कोर्स कराया जाएगा।
इन प्रशिक्षित ऑडिटरों को क्रेडा से मान्यता भी मिलेगी।
छत्तीसगढ़ में लागू हुआ नया भवन निर्माण नियम पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत को प्राथमिकता देता है।
यह भविष्य की स्मार्ट बिल्डिंग्स के लिए एक मजबूत नींव रखेगा।