रायपुर से राजिम तक की बहुप्रतीक्षित रेल सेवा अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। नवा रायपुर-धमतरी-राजिम रेल लाइन पर काम तेज गति से चल रहा है और 15 अगस्त 2025 से पहले इस मार्ग पर ट्रेन सेवा शुरू होने की संभावना है। रेलवे अधिकारियों ने जानकारी दी है कि सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) के निरीक्षण के तुरंत बाद ही ट्रेन चलाई जाएगी।
इस रेल लाइन के तहत रायपुर से अभनपुर तक पहले ही ट्रेन चलाई जा रही है, लेकिन अब इसे राजिम तक विस्तार दिया जा रहा है। यह ट्रेन सेवा न केवल क्षेत्रीय यात्रियों को सुविधा देगी, बल्कि राजिम के धार्मिक और पर्यटन महत्व को भी नई पहचान दिलाएगी।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
राजिम छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जिसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है। यह स्थान महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के संगम पर स्थित है। राजीव लोचन मंदिर और कुलेश्वर महादेव जैसे ऐतिहासिक मंदिर यहां स्थित हैं, जहां वर्षभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। इसीलिए रायपुर राजिम ट्रेन सेवा शुरू होने से यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल सकती है।
रेल लाइन का इतिहास और संघर्ष
1920 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसी रेल मार्ग से धमतरी आकर कंडेल सत्याग्रह का नेतृत्व किया था। बाद में इस मार्ग को रेलवे ने घाटे का हवाला देते हुए बंद कर दिया था। जनता के विरोध के बाद 2018 में नई रेल लाइन की घोषणा की गई, जिसे अब मूर्त रूप दिया जा रहा है।
अतिक्रमण बना चुनौती
हालांकि राजिम रेलवे स्टेशन के दोनों छोर पर अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है, जिसे हटाने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है। वरिष्ठ डीसीएम अवधेश कुमार त्रिवेदी ने स्पष्ट किया है कि यात्री ट्रेनों के संचालन में कोई समस्या नहीं है, लेकिन मालगाड़ी चलाने में अतिक्रमण बाधा बन सकता है।
धमतरी तक दिसंबर में सेवा की उम्मीद
रेलवे अधिकारी दिसंबर 2025 तक अभनपुर से धमतरी तक ट्रेन सेवा शुरू करने की भी तैयारी कर रहे हैं। हालांकि पूर्ण रूप से नवा रायपुर धमतरी रेलवे सेवा 2026 तक ही पूरी होने की संभावना है।
लगभग 550 करोड़ की लागत वाली 67 किलोमीटर लंबी इस परियोजना से क्षेत्रीय आवागमन और धार्मिक पर्यटन दोनों को नई दिशा मिलेगी। रायपुर से राजिम तक ट्रेन चलने की शुरुआत 15 अगस्त को होने से यह परियोजना एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन सकती है।