छत्तीसगढ़ में अब 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री पर रोक

Cgdarshan
Cgdarshan 3 Min Read
3 Min Read

छत्तीसगढ़ में भूमि खरीद-बिक्री को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। राज्य सरकार ने विधानसभा में भू राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2025 पारित किया है, जिसके तहत अब 5 डिसमिल से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी

राजस्व मंत्री डॉ. टंकराम वर्मा ने विधेयक पेश करते हुए बताया कि यह संशोधन अवैध प्लॉटिंग पर रोक लगाने और भूमिविवादों को कम करने के लिए बेहद जरूरी था।

पिछली सरकार के फैसले को किया गया रद्द

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री की अनुमति दी गई थी, जिससे पूरे प्रदेश में अनियंत्रित प्लॉटिंग शुरू हो गई थी। अब भाजपा सरकार ने पुराने नियम को बहाल करते हुए फिर से प्रतिबंध लगा दिया है।

राजस्व मंत्री ने बताया कि छोटे भूखंडों की बिक्री से कई जगह बस्तियों की अवैध बसाहट हो रही थी, जिससे भविष्य में कई नागरिक और कानूनी समस्याएं पैदा हो सकती थीं।

नियम सिर्फ ग्रामीण कृषि भूमि पर लागू होगा

मंत्री वर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नया नियम शहरों में लागू नहीं होगा। क्योंकि शहरी भूमि पहले से ही कृषि श्रेणी से बाहर होती है और अधिकतर डायवर्टेड होती है।

इसलिए व्यावसायिक या आवासीय शहरी भूखंडों की रजिस्ट्री पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

डिजिटल नक्शों को मिलेगा वैध दर्जा

राजस्व मंत्री ने बताया कि पूरे राज्य में जियो-रिफेरेन्सिंग के माध्यम से डिजिटल नक्शे तैयार किए जा रहे हैं। संशोधन विधेयक के माध्यम से इन्हें अब कानूनी मान्यता दी गई है।

इससे सीमांकन, बंटवारा और नामांतरण संबंधी विवादों में कमी आएगी। हर भूखंड का सही डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा।

बिल्डरों पर भी लगी बड़ी रोक

संशोधन के तहत अब कॉलोनी डेवलपर्स और बिल्डरों पर भी बड़ी रोक लगाई गई है।

अब वे पार्क, गार्डन, मंदिर या रोड के लिए छोड़ी गई जमीन को बेच नहीं सकेंगे। इसके बजाय वह जमीन फ्लैट क्रेताओं के नाम सामूहिक रूप से दर्ज की जाएगी।

इससे भविष्य में कोई भी बिल्डर फ्लैट बेचकर बाकी जमीन पर अलग से निर्माण या व्यावसायिक उपयोग नहीं कर पाएगा।

पट्टे की पात्रता में बढ़ी सालाना आय सीमा

राजस्व मंत्री वर्मा ने पट्टाधृति अधिकार (संशोधन) विधेयक 2025 भी प्रस्तुत किया, जिसमें अब पात्र हितग्राही की वार्षिक आय सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दी गई है।

इससे और अधिक गरीब परिवार अब शहरी क्षेत्रों में पट्टे के अधिकार के पात्र हो सकेंगे।

Share This Article
Leave a comment